मध्य प्रदेश में मतदाता सूची जमा, 4 दिसंबर तक फॉर्म जमा करें नहीं तो नाम हटेगा

मध्य प्रदेश में मतदाता सूची जमा, 4 दिसंबर तक फॉर्म जमा करें नहीं तो नाम हटेगा

मध्य प्रदेश में मतदाता सूची का जमाव रात 12 बजे, 28 अक्टूबर, 2025 को शुरू हो गया। चुनाव आयोग ने देशभर के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रहे विशेष तीव्र संशोधन (SIR) के दूसरे चरण के तहत यह कदम उठाया है। चीफ इलेक्शन कमिश्नर ग्यानेश कुमार ने नई दिल्ली में प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "अब इस सूची में कोई नया नाम नहीं जोड़ा जाएगा।" यह जमाव एक बड़ी साफ-सफाई का हिस्सा है — जिसमें मरे हुए, बहुत बार दोहराए गए, या अन्य राज्यों में चले गए मतदाताओं को हटाया जाएगा, और 1 जनवरी, 2026 तक 18 साल की उम्र पूरी करने वाले नए मतदाताओं को शामिल किया जाएगा।

फॉर्म जमा करने की आखिरी तारीख: 4 दिसंबर

हर मतदाता को अब अपना एनुमरेशन फॉर्म 4 दिसंबर, 2025 तक अपने बूथ स्तरीय अधिकारी (BLO) को जमा करना होगा। अगर आपका फॉर्म इस तारीख तक नहीं पहुँचेगा, तो आपका नाम दिसंबर 9 को जारी होने वाली ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं आएगा। यह ड्राफ्ट सूची फिर से जांच के लिए लोगों के सामने रखी जाएगी — 9 दिसंबर से 8 जनवरी, 2026 तक कोई भी आपत्ति दर्ज कर सकता है। अंतिम सूची 7 फरवरी, 2026 को जारी होगी, जिसमें 51 करोड़ मतदाताओं का डेटा शामिल होगा।

मध्य प्रदेश में डिजिटलाइजेशन धीमा, भोपाल सबसे पीछे

मध्य प्रदेश में अभी तक 49.42% फॉर्म डिजिटलाइज़ हुए हैं — यह आंकड़ा 23 नवंबर, 2025 तक का है। लेकिन यह राज्य के बाकी 11 प्रतियोगियों में चौथे स्थान पर है। लक्षद्वीप (61.30%) और गोवा (59%) अग्रणी हैं। भोपाल जिले में डिजिटलाइजेशन की दर मात्र 24.65% है — जो सबसे कम है। वहीं, सिधी जिले में यह आंकड़ा 62.85% है।

स्रोतों के मुताबिक, भोपाल और अन्य शहरों में BLOs घर-घर जाने के बजाय फॉर्म पड़ोसियों या सुरक्षा गार्ड को छोड़ देते हैं। फिर वे वापस नहीं आते। कई लोग अपने फॉर्म भूल जाते हैं, या फिर उन्हें भूल गए कि उन्हें कहाँ छोड़ा था। एक अधिकारी ने कहा, "हम लोगों को डराने के लिए नहीं आए हैं, लेकिन अगर फॉर्म नहीं मिला, तो नाम नहीं आएगा। यह नियम है।"

2003 की सूची का रहस्य: जो दिखेगा, उसे नहीं देना पड़ेगा कोई दस्तावेज

इस बार का बड़ा बदलाव यह है कि अगर आपका या आपके पिता/माता का नाम 2003 की मतदाता सूची में है, तो आपको कोई अतिरिक्त दस्तावेज नहीं देना होगा। बस फॉर्म पर अपना नाम चेक कर लें — यही काफी है। लेकिन अगर आपका नाम 2003 में नहीं था, तो आपको आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, या निवास प्रमाणपत्र जमा करना होगा।

चुनाव आयोग ने एक मदद डेस्क भी लगाया है — जहाँ लोग 2003 की सूची में अपना नाम ढूंढ सकते हैं। 22 नवंबर तक 117 शिकायतें आईं — ज्यादातर यह कि BLOs उन लोगों को फॉर्म नहीं दे रहे, जो अपने पुराने पते से बदल गए हैं। कुछ लोगों को तो यह भी नहीं पता था कि 2003 की सूची क्या है।

आखिरी मौका: ड्राफ्ट के बाद भी आपत्ति दर्ज कर सकते हैं

अगर आपका नाम ड्राफ्ट सूची में नहीं आया, तो आप 9 दिसंबर से 31 जनवरी तक आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। इस दौरान आपको अपने दस्तावेज दिखाने होंगे। अगर आपकी बात मान ली जाती है, तो आपका नाम अंतिम सूची में आ जाएगा।

अगर फिर भी आपका नाम नहीं आया, तो आप 7 फरवरी के बाद जिला मजिस्ट्रेट (DM) के पास अपील कर सकते हैं। फिर भी अगर नहीं मिला, तो राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) तक जा सकते हैं। यह दोहरी अपील प्रणाली आम तौर पर भारत के अन्य राज्यों में भी लागू है।

क्यों जरूरी है यह साफ-सफाई?

क्यों जरूरी है यह साफ-सफाई?

पिछले साल बिहार में इसी तरह के संशोधन के बाद 68 लाख नाम हटाए गए — जिनमें से 47 लाख अवैध थे। बाकी 21 लाख नए मतदाताओं के नाम जोड़े गए। इस बार चुनाव आयोग ने नए वोटिंग स्टेशन भी बनाने का फैसला किया है — ऊँची इमारतों, गेटेड कॉलोनियों और झुग्गी बस्तियों में। अब हर वोटिंग स्टेशन पर 1,200 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे।

इसका मतलब यह है कि भीड़ कम होगी, वोटिंग आसान होगी, और भ्रष्टाचार के अवसर कम होंगे। यह एक ऐसा संशोधन है जो सिर्फ एक चुनाव के लिए नहीं, बल्कि भविष्य के दशकों के लिए एक अच्छा आधार बनाने के लिए है।

अब क्या करें?

अगर आपको फॉर्म नहीं मिला, तो तुरंत अपने BLO से संपर्क करें। अगर आपका BLO नहीं मिल रहा, तो चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाएँ या नजदीकी चुनाव कार्यालय में जाएँ। ऑनलाइन फॉर्म भरने का विकल्प भी है। अगर आपके पास 2003 की सूची का डिटेल नहीं है, तो मदद डेस्क पर जाएँ — वहाँ आपकी मदद की जाएगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या अगर मैंने फॉर्म भर दिया, लेकिन उसमें गलत जानकारी है, तो क्या होगा?

अगर आपका फॉर्म दिसंबर 4 तक मिल जाता है, तो आपका नाम ड्राफ्ट सूची में आ जाएगा — भले ही जानकारी गलत हो। लेकिन जब ड्राफ्ट जारी होगा, तो आपको अपनी गलत जानकारी को सुधारने के लिए सही दस्तावेज जमा करने होंगे। अगर आप यह नहीं करते, तो आपका नाम अंतिम सूची में नहीं आएगा।

क्या नए नागरिक जो 18 साल के हुए हैं, उन्हें अलग से फॉर्म भरना होगा?

हाँ। जो नागरिक 1 जनवरी, 2026 तक 18 साल के हो जाते हैं, उन्हें अलग से एनुमरेशन फॉर्म भरना होगा। उनके लिए भी 2003 की सूची का जिक्र नहीं होता। उन्हें जन्म प्रमाणपत्र और निवास प्रमाण देना होगा। BLOs इन नए मतदाताओं के लिए भी घर-घर जाएंगे।

क्या अगर मैं शहर से गाँव चला गया हूँ, तो कहाँ फॉर्म भरूँ?

आपको अपने वर्तमान पते के अनुसार फॉर्म भरना होगा। अगर आप अब गाँव में रह रहे हैं, तो वहाँ के BLO को फॉर्म दें। अगर आपका पुराना पता अभी भी रिकॉर्ड में है, तो आपको एक निवास प्रमाणपत्र जमा करना होगा। ऐसे मामलों में चुनाव आयोग की मदद डेस्क बहुत काम आएगी।

क्या ऑनलाइन फॉर्म भरना सुरक्षित है?

हाँ। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म भरना बिल्कुल सुरक्षित है। आपकी जानकारी एन्क्रिप्टेड रहती है और केवल अधिकृत अधिकारियों तक पहुँचती है। अगर आपको ऑनलाइन फॉर्म भरने में दिक्कत हो रही है, तो आप अपने BLO से संपर्क कर सकते हैं — वे आपकी मदद करने के लिए तैयार हैं।

अगर मैं बाहर देश में हूँ, तो क्या मैं अपना नाम सूची में रख सकता हूँ?

हाँ, लेकिन आपको भारत में अपना अंतिम निवास पता देना होगा। आपके नाम को उसी स्थान पर रखा जाएगा जहाँ आप पिछली बार वोट कर चुके हैं। अगर आप अब वहाँ नहीं रहते, तो आपको अपने वर्तमान विदेशी पते के साथ एक निवास प्रमाण जमा करना होगा। वोटिंग तो आप विदेश में नहीं कर सकते, लेकिन नाम सूची में रह सकता है।

क्या यह संशोधन अगले चुनाव के लिए असर डालेगा?

बिल्कुल। यह सूची अगले 5 सालों तक चलेगी। जितनी साफ और सटीक होगी, उतनी ही निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव होंगे। अगर आपका नाम गलत जगह पर है, तो आपके लिए वोट करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए अभी फॉर्म भरना जरूरी है — यह आपका अधिकार है, न कि कोई बोझ।