पंजाब पुलिस ने गैंगस्टर बलजिन्दर सिंह उर्फ बिल्ला को 6 अन्य साथियों के साथ किया गिरफ्तार
चंडीगढ़ । पंजाब पुलिस ने अति वांछित गैंगस्टर बलजिन्दर सिंह उर्फ बिल्ला को गिरफ़्तार किया है, जिसका कथित तौर पर पाकिस्तान आधारित केएलएफ के प्रमुख हरमीत सिंह हैप्पी और जर्मनी आधारित केज़ैडएफ के साथ कथित सम्बन्ध थे।
एक और नामी गैंगस्टर सुखजिन्दर और बिल्ला गिरोह के पाँच अन्य सदस्यों को भी गिरफ़्तार किया गया, इसके साथ ही पाकिस्तान से तस्करी किए गए अत्याधुनिक हथियारों की बड़ी खेप के साथ-साथ ड्रोनों समेत ड्रग मनी भी कई तरीकों के द्वारा अलग-अलग समय सरहद से तस्करी किए गए थे।
डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता के अनुसार कल चंडीगढ़ से ओ.सी.सी.यू. टीम, काऊंटर इंटेलिजेंस जालंधर यूनिट और कपूरथला पुलिस ने एक साझे अभियान के अंतर्गत यह गिरफ़्तारियाँ की हैं, गिरफ़्तार किए गए मुलजि़मों की पहचान बलजिन्दर सिंह उर्फ बिल्ला मंड्याला (निवासी मंड्याला, गुरदासपुर), सुखजिन्दर सिंह (निवासी गाँव कमोके ब्यास, अमृतसर) के अलावा कपूरथला के मोहत शर्मा, लवप्रीत सिंह, मंगल सिंह और मनिंदरजीत सिंह उर्फ हैप्पी और लवप्रीत सिंह उर्फ लवली (निवासी अमरकोट, वलटोहा तरन तारन) के तौर पर की गई है। जि़क्रयोग्य है कि बलजिन्दर सिंह बिल्ला मंड्याला 18 से अधिक आपराधिक मामलों जैसे कत्ल, कत्ल की कोशिश और हथियारों /नशों की तस्करी आदि में शामिल था।
गिरफ़्तार किए गए सभी मुलजि़मों को अलग तौर पर रखा गया है क्योंकि डॉक्टरों की एक विशेष टीम द्वारा कोविड -19 के लिए टैस्ट किए जा रहे हैं।
श्री गुप्ता ने बताया कि पुलिस की टीमों ने इन मुलजि़मों के पास से पाकिस्तान से तस्करी किए गए बहुत ही अत्याधुनिक हथियार बरामद किए हैं। इस बरामदगी में दो 30 बोर की ड्रम मशीन गन्नें, तीन पिस्तौल (सिग साउर मार्का वाले जर्मनी में बने), दो गलोक पिस्तौल (ऑस्ट्रिया में बने), दो 30 बोर पिस्तौल, एक 32 बोर का पिस्तौल, एक 315 बोर राईफल, 341 जीवित कारतूस, दो ड्रम मैगज़ीनें, 14 पिस्तौल मैगज़ीनों के साथ तीन लाख आठ सौ अठरह रुपए और एक सौ ऑस्ट्रेलियन डॉलर की ड्रग मनी शामिल है।
इसको किसी आपराधिक गिरोह द्वारा अत्याधुनिक हथियारों के सबसे बड़ी बरामदगी में से एक करार देते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि सिग साऊर पिस्तौल वास्तव में संयुक्त राज्य के सबसे चुने हुए नेताओं खासकर राष्ट्रपति की रक्षा करने वाले यूएस सीक्रेट सर्विस के सदस्यों द्वारा इस्तेमाल की जातीं हैं।
डीजीपी ने कहा कि अब तक प्राथमिक जांच की गई है, बिल्ला मंड्याला से बरामद किये गए ज़्यादातर हथियार विभिन्न खेपों में भारत-पाक सरहद पार से आए थे। पुलिस नाजायज़ हथियारों की सप्लाई चेन में आतंकवादियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। प्रवक्ता ने आगे खुलासा किया कि कुछ नकली दस्तावेज़ों के साथ टोयोटा फारचूनर, एटीओस लावा और ऑल्टो कारों को भी आपराधियों के पास से बरामद किया गया।
पुलिस को यह भी पता लगा है कि एस.टी.एफ. पंजाब द्वारा 24 सितम्बर, 2019 को सरहद पार से फिऱोज़पुर सैक्टर के ममदोट क्षेत्र में ए.के.-47 राईफलों वाली खेप का एक हिस्सा आपराधिक गिरोह बिल्ला मंड्याला के साथ भी सम्बन्धित था।
गिरफ़्तारियों का विवरण देते हुए डीजीपी ने बताया कि एआईजी ओसीसीयू गुरमीत चौहान को भरोसेयोग्य जानकारी मिली थी कि अति वांछित गैंगस्टर ‘बिल्ला मंड्याला’ अपने साथी के साथ मिल कर कपूरथला क्षेत्र में नाजायज़ हथियारों की बड़ी खेप के साथ पनाह ले रहा था, जिसका अलग-अलग किस्मों के आतंकवादी और आपराधिक कामों में इस्तेमाल किया जाना था। डीएसपी ओसीसीयू बिक्रम बराड़ को एआईजी काऊंटर इंटेलिजेंस जालंधर, हरकमलप्रीत सिंह खॅख और एसएसपी कपूरथला सतिन्दर सिंह के सहयोग से तुरंत मिशन का काम सौंपा गया।
पुलिस टीमों ने सुल्तानपुर लोधी थाने के दादविंडी और मोठांवाला क्षेत्र के आसपास घेराबन्दी की और गिरफ़्तारियाँ की। इन सभी 6 के खि़लाफ़ थाना सुल्तानपुर लोधी कपूरथला में आईपीसी की धारा 384, 465,467, 468, 471, 473, 489, यू.ए.पी.ए. की धारा 13, 18 और हथियार एक्ट की धारा 25 के अधीन केस दर्ज किया गया है।
प्राथमिक पड़ताल के दौरान बलजिन्दर सिंह बिल्ला मंड्याला ने खुलासा किया है कि वह मिजऱ्ा और अहमद्दीन समेत अलग- अलग पाकिस्तान आधारित हथियारों और नशा तस्करों के संपर्क में था और उसने उनके पास से खासकर फिऱोज़पुर क्षेत्र में पहले भी बहुत से हथियारों और नशों की खेपें प्राप्त की थीं।
मिजऱ्ा पिछले दिनों कथित तौर पर पाकिस्तान और भारत में स्थित खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स के संचालकों के लिए भारत-पाक सरहद पर कूरियर के तौर पर काम कर रहा था और उसने कई हथियारों की खेपों को सफलतापूर्वक भारतीय क्षेत्र में भेजा था। बिल्ला मंड्याला ने यह भी खुलासा किया कि वह गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह सेखों के के संपर्क में था, जो इस समय पटियाला जेल में बंद है और वह जर्मनी और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के संपर्क में होने का संदिग्ध है। गुरप्रीत सेखों एक ‘ए’ श्रेणी का गैंगस्टर है जो पहले केएलएफ के प्रमुख हरमिन्दर सिंह मिंटू के संपर्क में रहा था, जिसकी कुछ साल पहले मौत हो गई थी।
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