UP पुलिस ने राजस्थान से अपहृत वकील को बचाया
न्यूज डेस्क आगरा मीडिया ::.फिरोजाबाद। उ.प्र. पुलिस ने अपनी 20 टीमों के साथ राजस्थान के धौलपुर से एक वकील को अपहर्ताओं के चंगुल से बचा लिया। अपहरण के लगभग एक पखवाड़ा गुजर जाने के बाद इस काम को अंजाम दिया गया। रपट के मुताबिक, तीन फरवरी की शाम को आगरा के भीड़भाड़ वाले भगवान टॉकीज चौराहे से अकरम अंसारी का अपहरण कर लिया गया था। आगरा के एक निजी अस्पताल में अपने किसी परिजन से मिलने के बाद फिरोजाबाद में अपने घर को जाने के लिए उन्होंने एक निजी टैक्सी बुलाई थी।
पुलिस द्वारा बचाए जाने के बाद अकरम ने पत्रकारों से कहा, "मुझे देर हो रही थी और चूंकि वहां से फिरोजाबाद के लिए तत्काल कोई बस उपलब्ध नहीं थी, तो मैं एक टैक्सी पर सवार हो गया, जिसमें पहले से ही तीन यात्री थे। सफर के करीब 10 मिनट बाद उस गिरोह ने मेरी आंखों पर पट्टी बांध दी और मुझे किसी अज्ञात स्थान पर लेकर गए।"
इसके दो दिन बाद पांच फरवरी को वकील के परिवारवालों को 55 लाख रुपये की फिरौती की कॉल आई। इस संदर्भ में तीन और बार उन्हें कॉल किया गया।
आगरा जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजे) अजय आनंद ने पत्रकारों को बताया, "चूंकि इस गिरोह से हम परिचित नहीं थे और ये किसी पड़ोसी राज्य से संबंधित थे, तो हमने एक जाल बिछाने का फैसला किया। मोलभाव करने के बाद, फिरौती की रकम को घटाकर 15 लाख रुपये तक कर दिया गया। 16 फरवरी को फिरौती के लिए चौथी बार कॉल आने के बाद भरतपुर जिले के गाड़ी बाजना के जंगल में गिरोह को 12.50 लाख रुपये नकद राशि सौंप दिए गए। पैसों की थैली लेने आए शख्स को कार और बाइक पर सवार पुलिसकर्मियों की 20 टीमों ने धर दबोचा। 17 फरवरी को हमारी टीम को उस जगह का पता चला, जहां इन्होंने वकील को बंधक बनाकर रखा था। इसके बाद हमने वहां छापा मारा।"
इस गिरोह की गतिविधि पर चौकस निगरानी रखने के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया। आठ एसएचओ, 12 कॉन्स्टेबल सहित सर्कल अधिकारी चमन चावड़ा के नेतृत्व वाली टीम और इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार के नेतृत्व वाली सर्विलांस टीम मंगलवार को धौलापुर जिले में बाड़ी इलाके से गिरोह के प्रमुख उग्रसेन (56) को पकड़ने में कामयाब रही।
पुलिस ने कथित तौर पर इस अपहरण में शामिल अन्य पांच लोगों को भी गिरफ्तार किया है, जिसमें उग्रसेन की पत्नी उर्मिला, उसका साला राकेश (27), मुकेश (22), परिचित सुरेंदर (38) और लखन (49) शामिल हैं।
पुलिस ने यह भी कहा कि उन्हें छापेमारी में 10 लाख रुपये नगद, एक मोबाइल फोन और चार सिम कार्ड मिले, जिनका इस्तेमाल फिरौती की रकम मांगने के लिए किया जाता था।
एडीजी ने मामले को सुलझाने वाली टीम के लिए 50,000 रुपये की ईनाम राशि की घोषणा की है।
--आईएएनएस
जीवन में एक बार अवश्य करना चाहिए “गौमाता के लिए दान ” दान करने से मिलती है मोह से मुक्ति, होते हैं कष्ट दूर,
दान का महत्व
दान एक ऐसा कार्य है, जिसके जरिए हम न केवल धर्म का ठीक-ठीक पालन कर पाते हैं बल्कि अपने जीवन की तमाम समस्याओं से भी निकल सकते हैं. आयु, रक्षा और सेहत के लिए तो दान को अचूक माना जाता है. जीवन की तमाम समस्याओं से निजात पाने के लिए भी दान का विशेष महत्व है. दान करने से ग्रहों की पीड़ा से भी मुक्ति पाना आसान हो जाता है.
यहाँ योगदान करें!!
गौमाता को आपने आजतक कभी कोई आर्थिक सहयोग नहीं किया है तो खुद की समझ और संवेदना के बारे में सोचें की गौमाता की सेवा में आपका क्या योगदान है ? गौमाता के लिया दिया गया दान महान दान माना जाता है , इसलिए सभी मेरे प्रियजनों से गौमाता के सहयोग के लिए निवेदन कर रही हूँ। गौमाता मदद के लिए कोई भी एक छोटी सी राशि का योगदान दें । जरुरी नहीं की कोई बड़ी राशि हो , दान तो दान होता है। यह सहयोग देश की किसी भी गौशाला के लिए जाता है , किसी भी गौशाला में बीमार या भूखी गाय न रहे , जो बाहर खुले में घूमती गाय को भी गौशाला में स्थान मिले, हमारा उद्देश्य सिर्फ यही है की गौमाता ठोकरें न खाये और अच्छा खान पान की सुविधाएं हर गौशाला में मिल सके , जहा हमारी माँ सुखी हम सुखी , और माँ दुखी तो हम सब दुखी इसलिए हम सबकी गौमाता को बचाने की एक पहल कीजिये . डोनेट करिये. .
दान का महत्व
दान एक ऐसा कार्य है, जिसके जरिए हम न केवल धर्म का ठीक-ठीक पालन कर पाते हैं बल्कि अपने जीवन की तमाम समस्याओं से भी निकल सकते हैं. आयु, रक्षा और सेहत के लिए तो दान को अचूक माना जाता है. जीवन की तमाम समस्याओं से निजात पाने के लिए भी दान का विशेष महत्व है. दान करने से ग्रहों की पीड़ा से भी मुक्ति पाना आसान हो जाता है.
यहाँ योगदान करें!!
गौमाता को आपने आजतक कभी कोई आर्थिक सहयोग नहीं किया है तो खुद की समझ और संवेदना के बारे में सोचें की गौमाता की सेवा में आपका क्या योगदान है ? गौमाता के लिया दिया गया दान महान दान माना जाता है , इसलिए सभी मेरे प्रियजनों से गौमाता के सहयोग के लिए निवेदन कर रही हूँ। गौमाता मदद के लिए कोई भी एक छोटी सी राशि का योगदान दें । जरुरी नहीं की कोई बड़ी राशि हो , दान तो दान होता है। यह सहयोग देश की किसी भी गौशाला के लिए जाता है , किसी भी गौशाला में बीमार या भूखी गाय न रहे , जो बाहर खुले में घूमती गाय को भी गौशाला में स्थान मिले, हमारा उद्देश्य सिर्फ यही है की गौमाता ठोकरें न खाये और अच्छा खान पान की सुविधाएं हर गौशाला में मिल सके , जहा हमारी माँ सुखी हम सुखी , और माँ दुखी तो हम सब दुखी इसलिए हम सबकी गौमाता को बचाने की एक पहल कीजिये . डोनेट करिये. .
Donate Now
तत्काल दान करने के लिए, ऊपर "Donate Now" बटन पर क्लिक करें। बैंक ट्रांसफर / चेक / डीडी के माध्यम से दान के बारे में जानकारी के लिए, यहां क्लिक करें।
कोई टिप्पणी नहीं
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.