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झारखंड में बीजेपी से कहां चूक हो गई?

Indien Premierminister Narendra Modi (Ians)
 न्यूज डेस्क  आगरा मीडिया  ::.झारखंड के नतीजे बीजेपी के लिए निराशा लेकर आए हैं. मुख्यमंत्री रघुबर दास तक को भी हार झेलनी पड़ी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे स्टार प्रचारकों की रैलियों के बावजूद बीजेपी हार गई.
पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी तो झारखंड में 37 सीटों मिली थी जबकि इस बार वह सिर्फ 25 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है. 81 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 41 सीटें चाहिए और कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल का गठबंधन 46 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. लगभग तय है कि जेएमएम के नेता हेमंत सोरेन फिर एक बार राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे.
2014 के विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी ने झारखंड में धूम धाम से सरकार बनाई थी. यही नहीं, 2019 के लोकसभा चुनावों में राज्य की पांच सीटों में से तीन जीतने के साथ पार्टी ने 50 प्रतिशत वोट हासिल किए थे. लेकिन ताजा नतीजों ने राज्य की सत्ता से उसकी विदाई तय कर दी है. यहां तक कि मुख्यमंत्री रघुबर दास भी अपनी सीट जमशेदपुर से चुनाव हार चुके हैं.
तो क्या चंद महीनों में राज्य की जतना ने अपना मन बदल लिया? वरिष्ठ पत्रकार संजय कपूर कहते हैं कि बीजेपी की इस हार के पीछे मूल कारण है देश के ग्रामीण और अंदरूनी इलाकों में असंतोष, जिसकी वजह आर्थिक मंदी और नौकरियों की कमी है. वो कहते हैं, "लोगों को लगता है कि सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया है जिसकी वजह से लोग बीजेपी को वोट देने के लिए उत्साहित महसूस करें". 
राजनीतिक विश्लेषक सुहास पल्शिकर ने ट्विटर पर लिखा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश से लेकर अब झारखंड तक बीजेपी स्थानीय कारणों को तो अपनी हार का जिम्मेदार जरूर ठहरा रही होगी, लेकिन बात साफ है कि उसकी राष्ट्रवाद की अपील का असर राज्य स्तर पर नहीं पड़ रहा है. 



suhas palshikar@PalshikarSuhas

From Rajasthan-MP to now Jharkhand, BJP will surely have local or arithmetic reasons to explain the defeats; but if its nationalist pitch does not work at state level, it simply means, temporarily creating public excitement is not equal to creating support for a certain viewpoint

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3:59 AM - Dec 23, 2019
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वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले का मानना है कि बीजेपी की हार के पीछे एक बड़ा कारण मुख्यमंत्री रघुबर दास का व्यक्तिगत घमंड भी है.



nikhil wagle
@waglenikhil

One important reason behind BJP’s defeat in #JharkhandAssemblyPolls is arrogance of CM @dasraghubar. Same was true about Maharashtra BJP CM @Dev_Fadnavis. Seems arrogance of power is going to sink BJP everywhere.

986
11:25 PM - Dec 22, 2019
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महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद अब झारखंड चुनाव के नतीजों के साथ ही 2014 की वो स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है जब एक के बाद एक तीनों राज्यों में बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई थी. चुनाव जीतने के बाद पार्टी ने मराठा मुख्यमंत्रियों के इतिहास वाले महाराष्ट्र को उसका दूसरा ब्राह्मण मुख्यमंत्री, जाट मुख्यमंत्रियों वाले हरियाणा को पहला पंजाबी बोलने वाला मुख्यमंत्री और सिर्फ आदिवासी मुख्यमंत्रियों के इतिहास वाले झारखंड को पहला गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री दिया.
पांच साल बाद, बीजेपी महाराष्ट्र और झारखंड दोनों में ही सत्ता से बाहर हो गई और हरियाणा में बाहर होते होते बाल बाल बची. इस बदलाव के क्या मायने हैं? वरिष्ठ पत्रकार संजय कपूर कहते हैं कि इसका साफ मतलब यह है कि पलक झपकते ही लहर बीजेपी के खिलाफ हो गई है और वो मुद्दे जिनका लोकसभा चुनावों में कोई असर नहीं देखा गया, जैसे कि आर्थिक मंदी, नौकरियों का कम हो जाना, उन मुद्दों ने इस बार तस्वीर ही बदल दी. 

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