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किरण बेदी लक्ष्मण रेखा पार कर रहीं, वी. नारायणसामी का केंद्र सरकार को पत्र, पढ़े यह इंटरव्यू

नई दिल्ली । पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी 10 साल के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन के दौरान कांग्रेस पार्टी के सत्ता के हलकों में तेजी से उभरे और उस दौरान उन्हें कार्मिक एवं शिकायत और पीएमओ में महत्वपूर्ण विभाग सौंपे गए। जब 2014 में संपग्र केंद्र में बहुमत हासिल नहीं कर सकी तो उन्हें केंद्र शासित प्रदेश में सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना गया।

कांग्रेस हाईकमान द्वारा उनके प्रति विश्वास जताए जाने का यही कारण है कि वह मृदुभाषी होने के साथ ही एक सख्त राजनेता हैं। उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमताओं को मुख्यमंत्री के रूप में साबित भी किया है।

नारायणसामी ने समकालीन मुद्दों पर आईएएनएस के सैय्यद मोजिज इमाम जैदी से बातचीत की। पेश है बातचीत के खास अंश :

प्रश्न : पुडुचेरी राष्ट्रव्यापी बंद से कैसे निपट रहा है? राज्य में कोई भी आर्थिक गतिविधि शुरू हो पाई है।

उत्तर : पुडुचेरी के लोगों के लिए लॉकडाउन एक नया अनुभव है। तीन मई तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान हमारे राज्य में आर्थिक गतिविधियां बंद थीं। हमारे पास राजस्व के केवल दो ही प्रमुख स्रोत हैं -वाणिज्यिक कर और उत्पाद शुल्क। हमारे पास कोई खनिज नहीं है और इसलिए पुडुचेरी सरकार एक वित्तीय संकट का सामना कर रही है। इसके बावजूद हमने राज्य में अपने लोगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं। सभी राशन कार्ड धारकों के लिए 2,000 रुपये, किसानों के लिए 5,000 रुपये सब्सिडी, महिला स्वयं सहायता समूह को 10,000 रुपये का ब्याज मुफ्त ऋण, साथ ही 1,000 रुपये असंगठित मजदूरों के लिए और 2000 रुपये की राशि निर्माण श्रमिकों को दी गई है।

हमने कृषि मजदूरों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम शुरू किया। केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को तीन महीने के लिए पांच किलो चावल के अलावा हम एपीपी परिवारों को तीन महीने के लिए प्रति परिवार 10 किलो दे रहे हैं। अब हमने धीरे-धीरे उद्योगों और दुकानों को खोलकर आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया है।

प्रश्न : राज्य में पीपीई किट और या²च्छिक (रेंडम) परीक्षणों की स्थिति क्या है? राज्य में प्रवासी कैसा महसूस कर रहे हैं?

उत्तर : राज्य सरकार पीपीई किट, परीक्षण किट, तीन लेयर मास्क, दो लेयर मास्क, एन-95 मास्क, वेंटिलेटर, मॉनिटर और आवश्यक दवाओं के लिए केंद्र को लिख रही है। कुछ पीपीई किट, परीक्षण किट, एन-95 मास्क सहित जरूरी चीजें केंद्र द्वारा भेजी गई हैं। उनके द्वारा प्रदान की गई परीक्षण किट में खामी थी, इसलिए इन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को वापस कर दिया गया है। अपने स्वयं के संसाधनों के साथ हमने वेंटिलेटर, मॉनिटर, पीपीई किट, एन-95 मास्क और दवाएं खरीदी हैं। जहां तक प्रवासी कामगारों का सवाल है, वे पुडुचेरी में सुरक्षित हैं। जब उद्योगों को बंद कर दिया गया था तो नियोक्ताओं (मालिक या एंप्लोयर) द्वारा 75 प्रतिशत प्रवासी श्रमिकों को वेतन और भोजन प्रदान करके उनका ध्यान रखा गया। इसके अलावा हमारी सरकार ने शेष बचे श्रमिकों को सामुदायिक केंद्रों में रखा और उनकी देखभाल की। महज करीब 297 प्रवासी मजदूर अपने-अपने स्थानों पर जाना चाहते हैं और हम उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करके उनके राज्यों में सुरक्षित लौटने की व्यवस्था कर रहे हैं।

प्रश्न : राज्य में कोरोना के कितने सक्रिय (एक्टिव) मामले हैं? बिस्तर व एकांतवास केंद्रों के संबंध में किस प्रकार की व्यवस्था है।

उत्तर : पुडुचेरी में तीन सक्रिय मामले हैं। कम से कम 2,995 लोग घरों में ही एकांतवास में हैं। हमारे पास इंदिरा गांधी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में 700 बेड का एक अस्पताल है, जो कोविड-19 के मरीजों के लिए ही समर्पित है। अस्पताल और एकांतवास केंद्रों की भी व्यवस्था है।

प्रश्न : केंद्र सरकार ने शराब की बिक्री की अनुमति दी है और इसके कारण सामाजिक दूरियों पर असर पड़ा है। क्या आपको लगता है कि शराब की दुकानें खोली जानी चाहिए?

उत्तर : शराब हमारे राज्य के राजस्व का एक मुख्य स्रोत है। हालांकि अभी तक हमारी सरकार ने शराब की दुकानें खोलने का कोई निर्णय नहीं लिया है।

प्रश्न : राहुल गांधी ने दो प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों से बात की। दोनों ने सीधे नकद हस्तांतरण (डायरेक्ट कैश ट्रांसफर) का सुझाव दिया। क्या आपको लगता है कि यह संभव है?

उत्तर : पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी व देश के जाने माने अर्थशास्त्रियों के साथ बातचीत की है और उन्होंने प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण सहित कई सुझाव दिए हैं। केंद्र सरकार द्वारा लोगों को सीधे नकद हस्तांतरण और राज्यों के लिए आर्थिक पैकेज व औद्योगिक क्षेत्रों के लिए पैकेज देना संभव है। प्रख्यात अर्थशास्त्रियों और राहुल गांधी द्वारा दिए गए व्यावहारिक सुझावों को लागू करने के लिए केंद्र को आगे आना होगा।

प्रश्न : क्या केंद्र सरकार आपके राज्य के साथ सहयोग कर रही है? आप अपने राज्य के लिए केंद्र सरकार से क्या उम्मीद करते हैं?

उत्तर : हमारी पुडुचेरी सरकार केंद्र सरकार से जीएसटी मुआवजा, सातवें वेतन आयोग के एरियर, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पेंशन राशि, अनुदान और अतिरिक्त अनुदान और उधार की सीमा तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने का अनुरोध कर रही है। लेकिन अभी तक मुझे केंद्र से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
प्रश्न : कोविड-19 पॉजिटिव मामलों में से किसी का भी तब्लीगी जमात से कोई संबंध है और आपने उनका पता लगाने के लिए प्रबंधन किस प्रकार किया?

उत्तर : हमारा राज्य तब्लीगी जमात प्रकरण से पहले एक कोरोनावायरस मुक्त राज्य था। पुडुचेरी में सात व्यक्ति और कराईकल के चार लोग तब्लीगी जमात में भाग लेने के बाद लौटे थे, जिनमें से पुडुचेरी के चार लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। हमारे राज्य में कोरोना के केवल यही मामले थे।

प्रश्न : दिल्ली पूर्ण राज्य का दर्जा मांग रही है। क्या आपको लगता है कि पुडुचेरी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए और क्यों दिया जाना चाहिए?

उत्तर : राज्य सरकार की मांग केंद्र सरकार के पास लंबित है और हमारे पास राज्य बनने के लिए सभी योग्यताएं भी हैं। लेकिन, दुर्भाग्य से केंद्र ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

प्रश्न : उपराज्यपाल के साथ आपके मतभेदों को अच्छी तरह से जाना जाता है। ये कौन से विवादित मुद्दे हैं? क्या आपको लगता है कि उपराज्यपाल 'लक्ष्मण रेखा' पार कर रही हैं और केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही हैं?

उत्तर : पिछले चार साल से उपराज्यपाल डॉ. किरण बेदी सरकार चलाने में अड़चनें पैदा कर रही हैं। हमें अदालत में जाने के लिए मजबूर किया गया है। चेन्नई हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एक निर्णय दिया कि निर्वाचित सरकार प्रशासन को चलाने के लिए जिम्मेदार है और उपराज्यपाल के पास कोई स्वतंत्र शक्ति नहीं है और अगर निर्वाचित सरकार और उपराज्यपाल के बीच मतभेद है तो भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा हल किया जाएगा। न्यायालय के फैसले को नजरअंदाज करते हुए माननीय उपराज्यपाल असंवैधानिक और गैरकानूनी तरीके से कार्य कर रही हैं, जिसके लिए हम आगे कानूनी रास्ता अपना रहे हैं। यहां तक कि कोरोनावायरस के संकट के दौरान भी उन्होंने अपनी गैरकानूनी और असंवैधानिक गतिविधियों को नहीं रोका है और सरकारी कामकाज में उनका हस्तक्षेप रोजाना चल रहा है। मैंने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है, लेकिन आए दिन वह लक्ष्मण रेखा को पार कर रही हैं।


--आईएएनएस

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