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टिक टॉक हुआ बैन, बताया नैशनल सिक्योरिटी पर खतरा #AgraMedia

अमेरिकी आर्मी ने बैन किया TikTok, बताया राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा
 न्यूज डेस्क  आगरा मीडिया  ::.अमेरिकी सेना ने चर्चित चाइनीज वीडियो एप टिक-टॉक पर प्रतिबंध लगाया दिया है। अधिकारियों ने इसके पीछे सुरक्षा संबंधी चिंताएं जाहिर की है। अमेरिकी सेना का मानना है कि चीन के सोशल मीडिया प्‍लैटफॉर्म टिक-टॉक से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। मालूम हो कि अमेरिकी नेवी ने पिछले साल दिसंबर में ही टिक-टॉक पर रोक लगा दी थी।

सुरक्षा खतरों से भरी है यह एप

जानकरी के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि टिक-टॉक का इस्तेमाल सुरक्षा खतराें से भरी है। एप एक साइबर थ्रेट की तरह है और सेना का कहना है कि इसे अमेरिका की जासूसी के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। सैनिकों को आदेश देते हुए कहा गया कि जो यह ऐप डाउनलाेड करते हैं वे सावधानी बरते। ऐसे ऐप्स यूजर्स के फोन पर नजर रखते हैं। सेना से कहा गया कि वे तुरंत इसे डिलीट या अनइंस्‍टॉल कर दें ताकि कोई भी नीजी डेटा और इंफॉर्मेशन खतरे में न पड़े।

ऐप से होती थी सैनिकों की नियुक्ति

अमेरिका नौजवानों की भर्ती के लिए टिक-टॉक का इस्तेमाल कर रही थी। हालांकि, मेजर जनरल फ्रैंक मूठ ने इस एप को सहायक बताया है। टिक-टॉक की तरफ से न तो अमेरिकी सेना और न ही नेवी पर लगे प्रतिबंध पर कोई बयान सामने आया है। बता दें कि सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए ऐप की जांच भी चल रही है। ऐप की सुरक्षा पर कुछ राजनेताओं ने प्रश्न किए थे जिसके बाद से जांच शुरु की गई है। जांच का मुख्य कारण यह जानना है कि क्या चीन यूजर्स का डेटा अपने पास रख रहा है या नहीं।

चेन्नई कोर्ट ने किया था बैन

मालूम हो कि ‌टिक-टॉक पर भारत में भी राेक लगाया जा चुका है लेकिन इसका कारण अलग था। ऐप पर बैन चेन्नई हाई कोर्ट ने लगाया था जिसकी वजह बढ़ती पोर्नोग्राफी बताई गई थी। कोर्ट ने कहा था कि ऐप से बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है और यूजर्स के मानसिक स्वास्‍थ्य पर भी असर पड़ रहा है। हालांकि,  टिक-टॉक ने बाद में कॉन्टेंट हटा कर दावा किया कि भविष्य में ऐसा न हो कंपनी इस बात का ध्यान रखेगी। कंपनी ने अपने कुछ नीतियों में भी बदलाव किए हैं।

चीन में नहीं है डेटा सेंटर्स

साल 2016 में लाॅन्च के बाद टिक-टॉक की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है और इसे गूगल और एप्‍पल स्‍टोर से इस ऐप को डेढ़ बिलियन से ज्‍यादा बार डाउनलोड किया गया है। टिक-टॉक की मूल कंपनी बाइटडांस है और वह लगातार चीन से उसके संबंधों को लेकर मना करती आई है। कंपनी का दावा है कि विदेशी टिक-टॉक यूजर्स का डेटा सेंटर्स चीन में नहीं हैं।

 फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम है

गौरतलब है कि विशेषज्ञों ने बताया कि जिस तरह से टिक-टॉक मशहूर हो रहा है उसे यह लगता है कि यह फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियों को कड़ी टक्कर देने में सक्षम है। कुछ दिनों पहले ही ऐसा कहा जा रहा था कि टिक-टॉक की मालिकाना कंपनी फेसबुक के कर्मचारियों को नौकरी के लिए अच्छी रकम दे रही है।

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