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गो दान को महा दान माना जाता है।

गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है
 न्यूज डेस्क  आगरा मीडिया  ::.गो दान का भारत में प्राचीन समय से ही अत्यधिक महत्‍व रहा है। गो दान को शास्त्रों में महादान का दर्जा दिया गया है। प्राचीन काल से ही राजाओं व अन्‍य व्‍यक्तियों के द्वारा ब्राह्मणों आदि को गो दान किया जाता रहा है। पुराणों के अनुसार ऐसी मान्‍यता है कि पुण्य की प्राप्ति के लिए जीवन में कम से कम एक बार गो दान  करना अत्यधिक आवश्यक है। भारतीय संस्‍कृति में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है, क्‍योंकि यह हमारी मॉ की तरह पौष्टिक दूध के माध्‍यम से हमारा पोषण करती है और बदले में हमसे कुछ नहीं माँगती। गाय को समृद्धि, खुशहाली व उन्‍नति का प्रतीक माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि गो दान से अनन्‍त पुण्‍य का अर्जन होता है और इससे बड़ा दान संसार में कोई भी नहीं है। इसलिए गो दान को महादान की संज्ञा दी जाती है। यह व्‍यक्ति को पवित्र बनाता है व परम शाश्‍वत मोक्ष को पाने में सहायक होता है। यह व्‍यक्ति को अपनी इन्द्रियों को जीत कर वश में करने का उपाय माना जाता है। क्‍योंकि इन्द्रियों को वश में करके ही संसार की मोह-माया से विरक्त होकर ईश्‍वर को पाया जा सकता है। गो दान का अर्थ है, स्वयं को ब्राह्मण या किसी योग्‍य पुरूष को समर्पित कर देना। जिनकी सहायता से हम इस नश्‍वर संसार से पार पाने का प्रयास कर सकते है।

गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास माना जाता है,  इसके कण-कण में भगवान बसते है। इसलिए जो भी गो दान करता है, उस व्‍यक्ति को सृष्टि के सभी देवी-देवता प्रणाम करते है एवं उसकी हर मनोकामना को भी पूरा करते हैं।

गो दान करने से व्यक्ति की हर प्रकार की शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक समस्या का समाधान संभव है। गो दान करने से जीवन बिना किसी बाधा के हर्ष व उल्‍लास के साथ व्‍यतीत होता है। अन्‍त में यह हमें शाश्‍वत मुक्ति का अधिकारी भी बनाता है।
वैज्ञानिक तौर पर भी यह सिद्ध हो चुका है कि गाय का दूध मॉ के दूध के समतुल्‍य होता है। गाय से हमें दूध के अलावा कई ऐसी चीजें प्राप्‍त होती है, जो हमें समृद्धि प्रदान करती है। गाय के दूध का घी बहुत ही पवित्र व उपयोगी होता है, जो कई तरह की बीमारियों के उपचार में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। गोमूत्र भी हमारे शरीर के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। गाय का गोबर खेतों के लिए एक प्राकृतिक खाद का काम करता है व वातावरण को स्‍वच्‍छ व निर्मल बनाता है।

इन्‍हीं सब विशेषताओं के कारण गाय को जगत माता भी कहा जाता है और गो दान को म‍हादान या सबसे बड़ा दान माना जाता है।

गाय का दूध
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गो दान को महा दान माना जाता है।
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