कांग्रेस को मजबूती के लिए नई विचारधारा की जरूरत : सिंधिया
न्यूज डेस्क आगरा मीडिया ::.निवाड़ी। कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणामों को निराशाजनक करार देते हुए गुरुवार को कहा कि पार्टी को नई विचारधारा, नई सोच और कामकाज के नए तरीकों से खुद को मजबूत करने की जरूरत है।
यहां पृथ्वीपुर क्षेत्र में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "दिल्ली के परिणाम पार्टी के लिए बहुत निराशाजनक हैं और नई सोच, नई विचारधारा व कामकाज के नए तरीकों की आवश्यकता है।"
2019 के लोकसभा चुनावों में अपने परिवार के गढ़ गुना सीट को खोने वाले सिंधिया ने कहा कि पिछले 70 सालों में देश में बहुत बदलाव आया है।
उन्होंने कहा, "नए युग में हमें एक नई सोच के साथ लोगों के पास जाना है।"
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी पार्टी की हार पर सार्वजनिक रूप से अपनी राय रखी थी।
जब मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित किए गए तो मुखर्जी ने एक ट्वीट में कहा, "हम दिल्ली में फिर हार गए। आत्ममंथन बहुत हुआ अब कार्रवाई का समय है। शीर्ष स्तर पर निर्णय लेने में देरी, राज्य स्तर पर रणनीति और एकजुटता का अभाव, कार्यकर्ताओं का निरुत्साह, नीचे के स्तर से संवाद नहीं होना हार के कारण हैं। मैं अपने हिस्से की जिम्मेदारी स्वीकार करती हूं।"
कांग्रेस 2015 के बाद लगातार दूसरी बार 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में शून्य पर सिमट गई। राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी का यह लगातार तीसरा निराशाजनक प्रदर्शन रहा है। 1998 से 2013 तक 15 साल तक शहर पर राज करने के बावजूद 2013 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस महज आठ सीटों पर सिमट गई थी।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर भी निशाना साधा। चिदंबरम के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए शर्मिष्ठा ने पूछा कि क्या कांग्रेस को अपनी दुकान बंद कर देनी चाहिए?
आम आदमी पार्टी को जीत की बधाई देने वाले चिदंबरम के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए शर्मिष्ठा ने कहा, "सर, उचित सम्मान के साथ बस इतना जानना चाहती हूं कि क्या कांग्रेस पार्टी राज्यों में भाजपा को हराने के लिए क्षेत्रीय दलों को आउटसोर्स कर रही है? अगर नहीं, तो फिर हम अपनी हार पर मंथन करने के बजाए आप की जीत पर गर्व क्यों कर रहे हैं? और अगर ऐसा है तो हमें (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) संभवत: अपनी दुकान बंद कर देनी चाहिए।"
यह एक कांग्रेसी नेता का पहला कड़ा संदेश है, जो बताता है कि पार्टी में सब ठीक नहीं है।
--आईएएनएस

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